આજનો વિચાર
શાંતિથી ક્રોધને,નમ્રતાથી માનને, સરળતાથી માયાને તેમજ સંતોષથી લોભને જીતવો જોઈએ.
मनुष्य तू बडा महान है
धरती की शान तू भारत की सन्तानतेरी मुठ्ठियों में बन्द तूफ़ान है रेमनुष्य
तू बडा महान है भूल मतमनुष्य तू बडा महान् है ॥धृ॥तू जो चाहे पर्वत पहाडों
को फोड देतू जो चाहे नदीयों के मुख को भी मोड देतू जो चाहे माटी से अमृत
निचोड देतू जो चाहे धरती को अम्बर से जोड देअमर तेरे प्राण ---२
मिला तुझको वरदानतेरी आत्मा में स्वयम् भगवान है रे॥१॥
---मनुष्य तू बडा महान है
नयनो से ज्वाल तेरी गती में भूचालतेरी छाती में छुपा महाकाल हैपृथ्वी के
लाल तेरा हिमगिरी सा भालतेरी भृकुटी में तान्डव का ताल हैनिज को तू जान
---२
जरा शक्ती पहचानतेरी वाणी में युग का आव्हान है रे ॥२॥
----मनुष्य तू बडा महान् है
धरती सा धीर तू है अग्नी सा वीरतू जो चाहे तो काल को भी थाम लेपापोंका
प्रलय रुके पशुता का शीश झुकेतू जो अगर हिम्मत से काम लेगुरु सा मतिमान्
---२
पवन सा तू गतिमानतेरी नभ से भी उंची उडान है रे॥३॥
---मनुष्य तू बडा महान ह



